सफलता या असफलता यह सिद्ध करती है की आपके प्रयास पुरे मनोयोग से किया
गया है या नहीं क्योंकि सफलता संकल्प से मिलती है ,सफलता का मूल सूत्र है
आत्मविश्वास व सहजता के साथ अनुशासन में रहकर लक्ष्य व मंज़िल तक पहुंचना I
आत्मविश्वास उस दूरदर्शी शक्ति का नाम है जो हमारे नेक इरादे, सही सोच, अटल
संकल्प, अदम्य साहस, सहनशीलता और अनुशासन से मिलती है जिसका अर्थ स्वयं पर प्रबल
आस्था, निष्ठा और विश्वास से है I आत्मविश्वास आत्मबल से आता है और आत्मबल सहजता,
कर्म, कामना, विश्वास, सक्रियता, और धेर्य से बढ़ता है I सफलता भाग्य व भविष्य के
भरोसे बैठे रहने से नहीं मिलती बल्कि अपने आलस्य, सुख-सुविधा व आराम का त्याग,
समर्पण व बलिदान करते हुए अपने कर्म व कामना अनुरूप प्रयास करने से मिलती है I हर
व्यक्ति अपने जीवन में सफल होना चाहता है लेकिन सफलता ख्याली पुलाव पकाने वाले,
शेखचिल्लियाँ बघारने वाले और कोरी कल्पनाओं में सोए रहकर सपने देखने वालो को नहीं
मिलती बल्कि सफलता ब्याज चाहती है यानि
मेहनत, लग्न, क्रियाशीलता और त्याग रूपी क़ीमत लगाकर पानी होती है I कहते है की
मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता आप होता है और जीवन में कामयाबी हासिल अपने इरादों
से, जज्बे से और लग्न से करता है I
विभिन्न विचारकों, दार्शनिकों
और विद्धवानों ने अपने अनुभव व अनुसंधान से मनुष्य को जीवन में सफल होने के लिए दृढ़
इच्छा व संकल्प शक्ति को अपने अन्दर विकसित करते हुए मन, बुद्धि व शरीर से इच्छित
लक्ष्य को पाने के लिए किसी भी हद तक परिश्रम करने को तैयार होना होगा ,इसके लिए
उचित योजनाबद्ध व धेर्यपूर्वक कार्य को
करते हुए विपरीत परिस्थिति के समाधान की व्युरचना बनानी होगो I संकल्प छोटे परन्तु
स्थायी ले तभी शक्ति का विकास होगा I सफलता का दूसरा पायदान परिश्रम व पुरुषार्थ
है और मनुष्य को अपने लक्ष्य के अनुरूप श्रम करना होगा,अपनी शक्ति का समुचित उपयोग
करना होगा तथा कामचोरी व आलस्य का त्याग करना होगा I हमे हाय याद रखना चाहिए की
सफलता अपनी कीमत जरुर मांगती है और इसकी क़ीमत उसका पसीना होती है I सफलता के लिए
आत्मविश्वास , आत्म निर्भरता , स्वावलम्बी और निरंतर प्रयास के गुण विकसित करने के
साथ साथ नकारात्मक सोच का त्याग भी करना होगा क्योंकि नकारत्मक सोच व्यक्ति में
निराशा, भय, संदेह, अविश्वास और घुटन पैदा करती है और शक्ति को क्षीण करते हुए
कार्यक्षमता को नष्ट कर देती है I अतीत की असफलताओं व गलतियों की चिन्ता न करके
सबक लें और भविष्य के लिए योजनाबद्ध संकल्प के साथ मजबूत शुरुआत दे क्योकि अच्छी
शुरुआत सफलता का आधार होती है I व्यस्त
रहें, मस्त रहें और आवश्यकताएं कम रखते हुए परिस्थितियों के अनुरूप परिवर्तन लाते
हुए मंज़िल की और बढे , सफलता आपका राह देख रही होगी I सदा प्रसन्न रहते हुए, नम्र
स्वभाव रखते हुए सफल और महापुरुषों को आदर्श मानें , कुसंग व व्यसन से बचे ,श्रेष्ठ आचरण रखे, हिंसा
व व्यभिचार से दूर रहे, अभद्र भाषा का प्रयोग न करे, कपट व आलस्य का त्याग करें,
धन व समय का अपव्यय व दुरूपयोग न करें,क्रोध और अहंकार से बचे, विनम्र व शालीन बने
तो आपको हर कदम पर सफलता ही मिलेगी I
अत: विद्यार्थियों और युवा साथियों, आप अपना व्यवहार सोम्य,शिष्ट और
सहयोग पूर्ण रखे, माता-पिता,गुरू, मित्र, व बड़ों का सहयोग व आशीर्वाद ले , समय का
सही प्रबंध व सदुपयोग करें ,संयम बरतें, प्राथमिकतातय व दिनचर्या करे और अपने कार्य
की समीक्षा करते हुए आगे बढे तो हर अवसर आपके हाथ में रहेगा तथा सफलता आपकी मोहताज़
बन कर सदा आपके पास रहेगी I इसलिए उठिए, जागिये और आज अभी से ही अपनी वांछित सफलता
को पाने के लिए जुट जाइये I
25/02/2015
आपका ब्लॉग पढ़कर अच्छा लगा अपने विषम परिस्थिति को अपने अनुकूल बनाने के लिए ये कहानी जरूर पढ़े https://storiesformoralvalues.blogspot.in/2016/10/story-of-farmar-and-mule.html
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